शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

तोड़ दो यह आधिपत्य का संघर्ष



उपर दिया हुआ विडियो के सामने मेरा विचार.....
ग़लत…!!!   भारतपर आधिपत्य मुसलमान के पास था।  कई साल. अंग्रेजों ने बाज़ी बिगाड़ी और उसिसे ही तो हिंदुओं के पास जो है वह है.  कितने दिन चेलेंज लेके काम किया जाए गा?” कितने दिन के लिए हिंदुस्तान-पाकिस्तान वाला खेल खेला जाएगा? यह बात सही कही है कि पाकिस्तान का बीज अभी के भारत में से है और वह बीज अभी भी वहीं भी पनप रहा है. कारण कि भारतिय मुसलमान की संस्कृती दिल्ली, आगरा, उत्तरप्रदेश से है.  पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा उर्दू है जो इन सभी क्षेत्रों की भाषा है, पाकिस्तान की नहीं।  इन क्षेत्रों को उन्हें वापस पाने के बगैर चैन नहीं यह एक स्वाभाविक तथ्य है.
मानो कि कल इस चेलेंज से हिंदु भाईयों बहेनों ऊब जाए, इस मनोरंजन से दूर हटना चाहे, हिंदुओं अपनी विशेष धमक को किनारा करना चाहे तो एक ही रास्ता है कि वो भारत-पाकिस्तान वाली सारी की सारी  कल्पना सिरे से हटा दे. और हम कहें कि सिरफिरे मुसलमानों को भी इस में शामिल करें.  मनोरंजन की भी हद होती है.  अपने आप को अच्छे बांगलादेशी बनने में लग जाएं,  जो असल में अमल में कब से है ही!  अच्छे आसामियां, मराठी, गुजराती, कन्नड, पंजाबी, सिंधी इत्यादि बनने में लग जाए कि इस सभी विक्षिप्त बातों का खात्मां हो और हम अपना खुद का कुछ काम कर लें.  उपरवाले का आदर करने लगें कि उन्हों से ही तो इस विविधता काईम है.  उसे ठुकराना असल में पाप है. हम कब से पापी बनना बंद करेंगे?  एच एम डी.

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