वॉट्सएप की देन....
एक अमेरिकी हिंदुस्तान में घूमकर जब वापस अमेरिका पहुचता है तो उसका एक हिंदुस्तानी मित्र उससे पूछता है: कैसा रहा हिंदुस्तान का दर्शन ?
वह बोलता है: "वास्तव में हिंदुस्तान एक अद्वितीय जगह है।
मैंने वाराणसी के घाट देखें, अक्षरधाम मंदिर देखा, इंडिया गेट लाल किला गेटवे ऑफ इंडिया अजंता एलोरा की गुफाएं पुरी का मंदिर, मथुरा जी, दिल्ली, मुंबई से लेकर भारत की हर वह छोटी बड़ी जगह देखी जो प्रसिद्द है।"
हिंदुस्तानी अपने देश की तारीफ सुनकर बहुत खुश हुआ। और पूछा: "हमारे हिंदुस्तानी भाई कैसे लगे ?"
अमेरिकी बोला: "वहां तो मैंने कोई हिंदुस्तानी देखा ही नहीं।"
हिंदुस्तानी उसका मुह देखने लगा !!
अमेरिकी बोलता रहा- "मैं एअरपोर्ट पर उतरा तो सबसे पहले मेरी भेट मराठीओं से हुई,
आगे बढा तो पंजाबी, हरियाणवी, गुजराती, राजस्थानी , बिहारी, तमिल और आसामी जैसे बहुत से लोग मिले।
नेताओं से मिला तो कांग्रेसी, भाजपाई, बसपाई, आप वाले।
गाँव में गया तो ब्राह्मण, जाट,यादव क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र मिले।
परन्तु हिंदुस्तानी तो कहीं मिले ही नही!
कड़वा हैं किन्तु सत्य है
मेरी टिप्पणी:
फिर भी हिंदुस्तान बरकरार है!
'कड़वा हैं किंतु सत्य है!'
नौवेम्बर, 19, 2021
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