बुधवार, 30 नवंबर 2022

भारतीय क्रिकेट में विस्फोट

 Lokmat Times-20221121

Blaming players won't bring trophy

Ashok Thakur 

21-11-2022

मेरी टिप्पणी: लेखक ने कहा है कि: "असली समस्या शायद यह है कि सरकार और बीसीसीआई दोनों को वह सत्ता पसंद है जो वे आईसीसी में रखते हैं।" हम कह सकते हैं कि नेहरू भी उस सत्ता से प्यार करते थे जो कि भारत में बहुत बड़ा देश होने पर था और वह इसे किसी भी तरह से खोना नहीं चाहते थे, हालांकि, निश्चित रूप से, पाकिस्तान का हिस्सा उनकी पकड़ से फिसल गया था। अब जहां तक ​​क्रिकेट का सवाल है, भारत में विस्फोट हो रहा है और यह सत्ता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय होना चाहिए। यहाँ, लेखक पहले से ही (अत्याचारिक रूप से) अपना अनुमान लगा रहा है कि: 'ऐसा कोई कारण नहीं है कि भारत में भारत इलेवन, हिंदुस्तान इलेवन, या यहां तक ​​कि कर्नाटक इलेवन, मुंबई इलेवन, रिलायंस इलेवन या टाटा इलेवन विश्व कपों के लिए  भाग न ले अब से पांच साल बाद।'

 जैसा कि मामला है, भारत खूश है कि भारत को यहां-वहां से मेडल्स मिलने लगें हैं, बैडमिंटन हो, बॉक्शींग हो, वेटलिफ्टींग हो, कुस्ती हो वगैरे, वगैरे.  उन पदक विजेताओं को प्रधान मंत्री द्वारा बधाई दी जाती है और उन्हें 'भूषण' से नवाज़ा जाता है  और अच्छी अच्छी सरकारी नौकरियों से सम्मानित किया जाता है। लेकिन अगर चीजें फटनी हैं, और वे निश्चित रूप से फटनी भी चाहिए, तो भारतीय सपना खुद ही फट जाएगा और हिंदुओं के नाम पर एकता और अखंडता वाला देश की एहमियत में गिरावट आ जाएगी।  अंग्रेज ने संघटीत करके दिया हुआ यह देश को तो फिर भगवान बचाए.  विभाजन का मोहरा लगा हुआ भारत, लालच और दोहराव वाले देश को भगवान बचाए!

भारत को अपनी विविधता को सामने करना चाहिए, बजाय इसके कि जो वह करता है - कि एकता और अखंडता पर ध्यान केंद्रित करके उस पर गर्व महसूस करना।  कुद्रत से बनी हुई विविधता का दुश्मन बनना और किसी और सोच के आधारीत एकता को लाने में ही अपना कर्तव्य समझना,   यानीकि इंडिया-पाकिस्तान वाली सोच. यह कोई अपराध नहीं तो और क्या है?  

भारत एक 1.3 अरब की आबादी वाले देश में से केवल 14-15 को ही बाहर निकालना, उनको भारत के नाम से खेलवाना, उनके सफल होने पर बाधाई देना, नौकरियां देना यह एक बड़ी अपराधिक बात बनती है,   जैसा कि यह लेखक ठीक ही बताता है 'यह एक उपहास की बात है कि हमें राष्ट्रीय टीम के लिए केवल 14-16 खिलाड़ियों को चुनना है।' इस लेखक को कोटी कोटी प्रणाम।

11.58 सुबह 30-11-22


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