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Nomad Shubham in Bihari Camp
LIFE OF BIHARI MIGRANTS IN BANGLADESH
Nomad Shubham
मेरी टिप्पणी: अत्यंत अफसोसनाक बात है यह पर कोई उसको
सुलझाना नहीं चाहता क्योंकि धर्म ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, भगवान
को नहीं! भगवान को पटाने के लिए ही अलग अलग धर्म बनाये गये हैं जिसमें पटना का होना, कटिहार
का होना मायना नहीं रखता जोकि वह सब उपरवाले की ही बनाई हुई रचनाएं हैं. यह भाषा, यह चहरा
जो आपको अपनी मां की याद दिला रही थी, पर यहां साबित यह होता है कि आदमी निर्मित धर्म के सामने
उसका कोई मायना नहीं है. आदमी निर्मत हिंदुस्तां पाकिस्तान के सामने और कुछ श्रेष्ठ
नहीं. पटना से क्या करना, लाहोर से क्या करना? इस बाबत से लगता मेरा ब्लोग पढ़िए...
खुद को बनाएं अपना
धन्यवाद..
18-05-2024
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